कृष्ण गोपाल बैंक में अधिकारी है । इधर कुछ दिनों से उनकी पत्नी मीरा और उनके बीच, कृष्ण गोपाल की सह्कर्मी, चुलबुली राधा को लेकर तना तनी चल रही है । मीरा जब भी टोकती है कि वे राधा से मेल जोल खत्म करदे तो कृष्ण गोपाल गुनगनाने लगते हैं -
''मैं तो राधा का भी श्याम
मैं तो मीरा का भी श्याम''
मीरा मन मसोस कर रह जाती है । एक दिन मीरा जो, कॉलेज में प्राध्यापिका थी अपने सहकर्मी के साथ घर आई। वे दोनो ड्राईंग रूम में बैठे थे तभी कृष्ण गोपाल राधा के साथ आए तो मीरा अपने सह्कर्मी को लेकर शयन कक्ष में जा बैठी। लगभग दो घन्टे बाद सह्कर्मी और मीरा बाहर निकले। उन्हें विदा कर जब मीरा अन्दर लौटी तो कृष्ण गोपाल ने पूछा 'ये क्या बदतमी$जी है।
ये था कौन जिसे तुम मेरे और राधा के सामने ही बेड़ रूम में ले गई। मीरा तुनक कर बोली ये हमारे नए प्रिंसीपल श्री आई जी गिरधर थे। और गुनगनाने लगी।
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'मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई '
इससे पहले कि मीरा अगली पंक्ति दोहराती कृष्ण गोपाल ने अपनी हथेली से उसका मुँह बन्द करते हुए कहा ''बस बाबा अब राधा कभी नहीं आएगी इस घर में।
श्यामसखा'श्याम;shyamskha`shyam
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