tag:blogger.com,1999:blog-8753024558307711180.post7424870646427526660..comments2023-03-12T09:27:18.405-07:00Comments on katha-vyatha कथा-व्यथा: कथा-व्यथा - सितम्बर 2008Shambhu Choudharyhttp://www.blogger.com/profile/03776713428128546589noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8753024558307711180.post-92025930460414623382008-10-09T09:11:00.000-07:002008-10-09T09:11:00.000-07:00देवेन्द्र कुमार मिश्रा ने कहा… कथा- व्यथा अच्छी शु...<B>देवेन्द्र कुमार मिश्रा ने कहा… </B><BR/>कथा- व्यथा अच्छी शुरुआत है। इसके लिए ई-हिन्दी साहित्य सभा परिवार को बहुतों धन्यवाद।<BR/>September 11, 2008 11:05 PM <BR/><BR/><B>Devi Nangrani ने कहा… </B><BR/>Katha vyatha ki is ank ki parstuti adbhudhta liye hue hain kusum ji ki rachanyein ek khushboo liye hue hain.<BR/>agle ank ka intezar rahega.<BR/>Devi Nangrani<BR/>September 12, 2008 9:47 PM <BR/><BR/><B>nishant ने कहा… </B><BR/>katha vyatha parivar ko meri shubhakamna..........<BR/>मेरी कल्पना के कुछ अंश .................<BR/>जीवन के अंतीम पलो में <BR/>जब मौत खामोशी लीए<BR/>सन्नाहटे के साथ आई है !<BR/>तो देह शांत ,<BR/>और मौनता ऐसी ,<BR/>की नव्जो में बहते रक्त की <BR/>धओउनी सुनाई दे .<BR/>इस पल की कल्पना <BR/>हदय को कंपित,<BR/>और रूह को देहला दे !<BR/>पर ये कल्पना शायद , वासविक्ता<BR/>और जीवन पुस्तिका के ,<BR/>पेजों पर डॉट पेन <BR/>से लिखी कभी न मिटने वाली <BR/>सचचाई है .<BR/>जीवन के अंतीम पलो में <BR/>जब मौत खामोशी लीए ,सन्नाहटे के साथ आई है !<BR/>naye ank ki pratikcha rahegi<BR/>September 20, 2008 11:53 PMShambhu Choudharyhttps://www.blogger.com/profile/03776713428128546589noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8753024558307711180.post-49306334980380980832008-09-15T11:48:00.000-07:002008-09-15T11:48:00.000-07:00आपका बेहतरीन प्रयास है, हिन्दी ब्लाग जगत को आपकी य...आपका बेहतरीन प्रयास है, हिन्दी ब्लाग जगत को आपकी यह भेंट याद रहेगी !<BR/>मेरी शुभकामनाएं !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8753024558307711180.post-78866639480953332512008-09-12T07:04:00.000-07:002008-09-12T07:04:00.000-07:00शम्भु भाई सच में आप और आपके साथी बहुत ही बढिया काम...शम्भु भाई सच में आप और आपके साथी बहुत ही बढिया काम कर रहे हैं। जिस खूबसूरती से आप आप लोग तकनिकी द्क्छता का इस्तेमाल कर रहे हो, वह काबिले तारीफ़ है। बधाई और शुभकामनाऎं।विजय गौड़https://www.blogger.com/profile/01260101554265134489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8753024558307711180.post-4219185960387572142008-09-05T09:00:00.000-07:002008-09-05T09:00:00.000-07:00कथा-व्यथा का यह सितम्बर का अंक का सेटिंग अच्छा लगा...कथा-व्यथा का यह सितम्बर का अंक का सेटिंग अच्छा लगा. रचना के साथ चित्र देने से पत्रिका की छवि और भी निखर जाती है. <BR/>पत्रिका की सफलता की शुभकामनाएं.महेश कुमार वर्मा : Mahesh Kumar Vermahttps://www.blogger.com/profile/07187456741818075757noreply@blogger.com